CG Naxal Surrender: एक सकारात्मक बदलाव के तहत, सरकार की नव स्वीकृत पुनर्वास नीति के तहत समाज में पुनः एकीकरण के लिए समर्थन देने के बाद, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा बल राज्य को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रयास तेज कर रहे हैं। हाल के महीनों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ों की एक श्रृंखला हुई है, जिसमें कई उग्रवादियों को मार गिराया गया है। हालांकि, एक सकारात्मक बदलाव यह भी सामने आया है कि कई नक्सली अब आत्मसमर्पण करने का विकल्प चुन रहे हैं।
CG Naxal Surrender: 22 नक्सलियों ने स्वेच्छा से किया आत्मसमर्पण

ताजा घटनाक्रम में रविवार को बीजापुर जिले में 22 नक्सलियों ने स्वेच्छा से आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटना गुरुवार को इसी जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 26 नक्सलियों के मारे जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई है। इन विद्रोहियों के आत्मसमर्पण को क्षेत्र में नक्सलवाद के प्रभाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
CG Naxal Surrender: आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025
अधिक से अधिक नक्सलियों को हथियार डालने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी दी है । इस नीति का उद्देश्य नक्सली कारणों को छोड़ने का विकल्प चुनने वालों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करना है। अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों को वित्तीय सहायता, पुनर्वास कार्यक्रम, शिक्षा, रोजगार के अवसर और सुरक्षा मिलेगी।
शांतिपूर्ण जीवन जीने का दूसरा मौका
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सरकार की यह पहल पूर्व नक्सलियों को समाज में फिर से शामिल होने और अपने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने के लिए बनाई गई है। शिक्षा और नौकरी के अवसरों सहित नीति की व्यापक सहायता संरचना का उद्देश्य उन मूल कारणों को संबोधित करना है जो व्यक्तियों को विद्रोही समूहों की ओर ले जाते हैं, उन्हें शांतिपूर्ण जीवन जीने का दूसरा मौका प्रदान करना।
छत्तीसगढ़, जो लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है, वहां कहानी में बदलाव देखने को मिल रहा है क्योंकि अधिक से अधिक विद्रोही आत्मसमर्पण और पुनर्वास के माध्यम से अपने लिए उपलब्ध अवसरों को समझ रहे हैं। आत्मसमर्पण में हाल ही में हुई वृद्धि इस बात का संकेत है कि राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के प्रयासों के परिणाम सामने आने लगे हैं।