Malegaon Blast Case : भाजपा संसदीय दल की पूर्व सांसद और Malegaon Blast Case आरोपियों में से एक प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में कहा कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) कोर्ट में पेशी के दौरान जाँच अधिकारियों ने उन पर नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत नाम लेने का का दबाव डाला। उनका यह बयान इस मामले में NIA कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के बाद आया है।
Malegaon Blast Case: प्रज्ञा ठाकुर का दावा
इस मामले में उन्होंने दावा किया कि जांच के दौरान अधिकारियों ने उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का नाम लेने के लिए दबाव डाला था और यह बयान तब आया है जब एनआईए की विशेष अदालत द्वारा , प्रज्ञा ठाकुर और छह अन्य आरोपियों को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के संबंध में गुरुवार को इस अदालत ने बरी कर दिया । इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित के साथ-साथ पांच अन्य शामिल थे।
Malegaon Blast Case: गवाहों ने क्या दावा किया?
प्रज्ञा ठाकुर के साथ-साथ कुछ गवाहों ने भी अदालत में दावा किया है कि दबाव में बयान लिए गए और उनसे मनगढ़ंत बातें निकलवाई गईं। एक गवाह ने कहा उससे जबरन सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस नेताओं के नाम बोलने को बोला गया था।

पूर्व ATS अधिकारी का बड़ा आरोप
पूर्व एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर ने कहा कि उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ की गलत छवि बनाने से बचने के लिए ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
यह भी पढ़ें – ऑपरेशन सिंदूर: लक्ष्य पर प्रहार करने के लिए स्कैल्प क्रूज मिसाइलों और हैमर स्मार्ट हथियार का इस्तेमाल
मुजावर ने बताया कि कैसे मुझ पर मरे हुए लोगों को ज़िंदा बताकर झूठी रिपोर्ट करने का भारी दबाव डाला गया था। जब मैंने इनकार किया, तो तत्कालीन आईपीएस अधिकारी परमवीर सिंह ने मुझे एक झूठे मामले में फँसा दिया और उन्होंने कहा कि आतंकवाद चाहे भगवा हो या हरा,समाज के लिए सही नहीं है । मुजावर ने मालेगांव विस्फोट मामले में अदालत के फैसले पर संतोष व्यक्त किया।
यह भी पढ़ें – Weather Update: दिल्ली और यूपी समेत अन्य राज्यों में जानें मौसम का हाल
