lohri wishes in punjabi मैं ही क्यों इसका सबसे बड़ा कारण हैं पंजाब के लिए लोहड़ी सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि lohri festival उनकी संस्कृति, परंपरा और सामूहिकता का प्रतीक है। खेतों की लहलहाती फसलें, भांगड़ा और गिद्धा के ताल और ढोल की गूंज, लोहड़ी को और भी खास बनाती हैं।
lohri wishes in punjabi जाने और साथ लोहड़ी का ऐतिहासिक महत्व
lohri wishes in punjabi :- लोहड़ी भारत के उत्तर हिस्से, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा, का एक प्रमुख त्योहार है। यह पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है और नई फसल की खुशी में हर्षोल्लास का प्रतीक है।
history of Lohri पुरानी भारतीय संस्कृति से जुड़ा है। ऐसा कहा जाता है कि यह त्योहार दुल्ला भट्टी नामक एक नायक के प्रति सम्मान के रूप में मनाया जाता है।
दुल्ला भट्टी ने गरीब लड़कियों को जुल्म से बचाया और उनकी शादी करवाई। उनके इस योगदान की कहानियां आज भी लोहड़ी के गीतों में गाई जाती हैं।
lohri wishes in punjabi के लोहड़ी की रीतियां और परंपराएं
lohri wishes in punjabi के साथ साथ जानते हैं इस लेख मैं लोहड़ी की रीतियां और परंपराएं लोहड़ी की पूजा विधि , और happy lohri wishes
50- Lohri Wishes in Punjabi | |
1 | “लोहड़ी दी लख-लख वधाइयां!” |
2 | “अलाव दी रौशनी ते तिल-गुड़ दी मिठास नाल तुहाडा जीवन खुशहाल होवे!” |
3 | “लोहड़ी तुहाडे जीवन विच सदा खुशियां लेके आवे!” |
4 | “ढोल-नगाड़े दे नाल, भंगड़ा-गिद्धा दी धुन ते सदा मुस्कुरांदे रहो!” |
5 | “फसल दी कटाई दा जश्न तुहाडे घर-परिवार नाल मना सकिए!” |
6 | “लोहड़ी दी रौशनी तुहाडे जीवन दे सारे अंधेरे दूर कर देवे!” |
7 | “लोहड़ी दा त्यौहार तुहाडे जीवन विच सुख-शांति लेके आवे!” |
8 | “लोहड़ी ते ढेर सारी मिठाईयां, रेवड़ियां ते खुशियां मनाओ!” |
9 | “गुड़ तिल दी मिठास नाल, रिश्ते वी मीठे रहन!” |
10 | “लोहड़ी दी आग नाल सारे गम खतम हो जां ते खुशियां ही खुशियां होण!” |
11 | “लोहड़ी दे गीत ते ढोल-नगाड़े तुहाडे दिन नूं यादगार बना देंद!” |
12 | “सुंदर मुंदरिये हो! तुहाडे जीवन विच हमेशा रौनक बनी रहे!” |
13 | “नवी फसल दे नाल नवा जोश ते नवी खुशियां मनाओ!” |
14 | “लोहड़ी दा त्यौहार तुहाडे परिवार लेई चंगी तंदरुस्ती लेके आवे!” |
15 | “हर साल दी तरह इस साल वी तुसी सदा तरक्की करो!” |
16 | “लोहड़ी दी रौशनी नाल तुहाडे मन दे अंधेरे दूर हो जावण!” |
17 | “ढोल दी थाप नाल हर चेहरा हसदा होवे!” |
18 | “लोहड़ी नवा उत्साह ते नवा जोश लेके आवे!” |
19 | “लोहड़ी दे गीत गाके सारी रंजिशां दूर कर लवो!” |
20 | “मूंगफली, तिल ते रेवड़ी नाल सजी लोहड़ी तुहाडे जीवन नूं मिठा कर देवे!” |
21 | “लोहड़ी दी मिठास नाल सारा संसार खुशहाल हो जावे!” |
22 | “अलाव दी गर्मी तुहाडे रिश्ते मजबूत कर देवे!” |
23 | “लोहड़ी दा त्यौहार तुहाडे जीवन विच रंग बरसावे!” |
24 | “फसल दी कटाई तुहाडे जीवन नूं नवियां शुरुआतां दे मौके देवे!” |
25 | “लोहड़ी ते भंगड़ा-गिद्धा नाल खुशियां मनाओ!” |
26 | “हर परिवार दी लोहड़ी सदा खुशहाल होवे!” |
27 | “लोहड़ी तुहाडे सपनें पूरे करन दी शक्ति लेके आवे!” |
28 | “लोहड़ी दी रौनक तुहाडे दिलां तक पहुंच जावे!” |
29 | “सुंदर मुंदरिये गाके हर मन खुश कर लवो!” |
30 | “लोहड़ी तुहाडे परिवार लेई ढेर सारी खुशियां लेके आवे!” |
31 | “लोहड़ी दा अलाव सदा प्यार ते अपनापन बढ़ावे!” |
32 | “फसलां दी खुशबू तुहाडे जीवन नूं महका देवे!” |
33 | “लोहड़ी तुहाडे हर दुख नूं खतम कर देवे!” |
34 | “लोहड़ी दी आग नाल तुहाडे सपनें साकार होण!” |
35 | “भंगड़े दी ताल ते हर दिन उत्साह नाल भरपूर होवे!” |
36 | “लोहड़ी नाल तुहाडे जीवन विच केवल खुशियां ही खुशियां होण!” |
37 | “नवा साल ते नवी लोहड़ी तुहाडे जीवन लेई सफलता लेके आवे!” |
38 | “हर घर दा अलाव सदा रौशनी करदा रहे!” |
39 | “लोहड़ी ते मिठाईयां बांट के खुशी नाल जशन मनाओ!” |
40 | “लोहड़ी तुहाडे परिवार लेई नवा उजाला लेके आवे!” |
41 | “अलाव दियां लपटा तुहाडे सपनें नूं पंख देन!” |
42 | “लोहड़ी ते सजनां नाल एकठे होके प्यार मनाओ!” |
43 | “लोहड़ी दी मिठास तुहाडे जीवन नूं खुशहाल कर देवे!” |
44 | “गुड़ तिल नाल जीवन सदा मीठा ते सजीव रहवे!” |
45 | “लोहड़ी नाल हर दुख-तकलीफ दूर हो जावे!” |
46 | “फसलां दी खुशबू नाल तुहाडे दिन खिले-खिले लगण!” |
47 | “लोहड़ी तुहाडे परिवार लेई खुशियां दा तोहफा लेके आवे!” |
48 | “ढोल-नगाड़े नाल हर दिन खुशगवार होवे!” |
49 | “लोहड़ी दी लपटां तुहाडे जीवन नूं नवां प्रकाश देण!” |
50 | “सुंदर मुंदरिये गाके हर दुख दूर कर लवो, ते जीवन नूं खुशहाल बनाओ!” |
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lohri रीतियां और परंपराएं पूजा विधि
लोहड़ी की शाम को खुले स्थान पर लकड़ियों, गोबर के उपलों और सूखी टहनियों से एक बड़ी आग जलाई जाती है। परिवार के सभी सदस्य और पड़ोसी इस अग्नि के चारों ओर इकट्ठा होते हैं। तिल, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी और गजक अग्नि में अर्पित की जाती हैं। इसे देवताओं को धन्यवाद और समृद्धि की प्रार्थना के रूप में किया जाता है। लोहड़ी के समय गिद्दा और भंगड़ा नृत्य पारंपरिक रूप से किए जाते हैं।
लोग ढोल की धुन पर झूमते हुए पारंपरिक लोकगीत गाते हैं। इन गीतों में दुल्ला भट्टी की कहानी का विशेष उल्लेख होता है, जो lohri festival का एक अहम हिस्सा है। बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी गीत गाते हैं और बदले में उन्हें पैसे, मिठाइयाँ या अनाज दिया जाता है। इसे “लोहड़ी मांगना” कहते हैं।
जिस परिवार में हाल ही में शादी हुई हो या बच्चे का जन्म हुआ हो, वहां Special importance of Lohri होता है। परिवार में इस मौके पर धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है और रिश्तेदारों को आमंत्रित किया जाता है।