Maha kumbh 2025 : महाकुंभ मेले में भारी भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई, जिससे श्रद्धालुओं को अपनी फ्लाइट और ट्रेन छोडनी पडी |

Maha kumbh 2025

Maha kumbh 2025 : महाकुंभ मेले में उमड़ी भारी भीड़ के कारण शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। मेला क्षेत्र से लेकर शहर की मुख्य सड़कों पर दिनभर जाम की समस्या बनी रही। यात्रियों को काफी परेशानी हुई। महाकुंभ से जुड़ी सभी ताजा जानकारी रियल टाइम में पाएं।

Maha kumbh 2025 : मेले में उमड़ी भीड़

महाकुंभ मेले में उमड़ी भीड़ के कारण शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मेला क्षेत्र से लेकर शहर के मुख्य मार्गों पर पूरे दिन जाम की समस्या बनी रही। वाहन रेंग-रेंगकर चलने लगे, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। 14 फरवरी से शुरू हो रहा महाकुंभ नए विश्व कीर्तिमान स्थापित करेगा। 14 फरवरी को स्वच्छता, 15 को नदी स्वच्छता, 16 को ई-रिक्शा संचालन और 17 को सर्वाधिक हाथ के निशान बनाने को समर्पित किया जाएगा।इन विश्व कीर्तिमान की पूरी दुनिया गवाह बनेगी। इसकी तैयारी 14 फरवरी से शुरू होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए पूर्वोत्तर रेलवे आज झूंसी रेलवे स्टेशन से तीन स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा।

Maha kumbh 2025

मेले में उमड़ी भीड़ के कारण शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। भीषण जाम के कारण कई लोगों की ट्रेन और फ्लाइट छूट गई, जिससे यात्री काफी नाराज दिखे। हालांकि स्थिति सामान्य नहीं हो पाई, लेकिन पुलिस को कई इलाकों में यातायात नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। सुबह मेले के दौरान पांटूल पुल बंद होने से श्रद्धालु भड़क गए। पुल बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े, जिससे अव्यवस्था और बढ़ गई। कई श्रद्धालुओं ने प्रशासन विरोधी नारे भी लगाए। स्थिति को संभालने के लिए स्थानीय प्रशासन ने और पुलिस अधिकारी भेजे, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि यातायात सुचारू रूप से नहीं चल सका।

Maha kumbh 2025 : सरकार के डिजिटल महाकुंभ में संत भी पूरा सहयोग कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग 8 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करेगा, जिसमें राज्य के पशुधन, डेयरी और गौशाला विकास से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। सरकार ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी |

सरकार के डिजिटल महाकुंभ में संत भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। इस महाकुंभ में कई संत अपने सोशल मीडिया पेज और हजारों अनुयायियों के साथ आ चुके हैं। इन संतों के कार्यक्रमों और गतिविधियों को अपडेट करने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। इन संतों में स्वामी अवधेशानंद गिरि और जूना पीठाधीश्वर भी शामिल हैं। उनकी टीम शिविर की गतिविधियों को इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती है ताकि दूर-दराज के देशों में बैठे अनुयायी उन्हें देख सकें।

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देश भर के अनेक मंदिरों से जागृत मूर्तियों के आगमन

देश भर के अनेक मंदिरों से जागृत मूर्तियों के आगमन के बाद पहली बार झारखंड के बाबा वैद्यनाथ का प्रतीक शिवलिंग भी महाकुंभ में लाया गया। मेला क्षेत्र के गंगोली शिवाला मार्ग पर काली मछली के दीपू पंडा के शिविर में यह शिवलिंग ले जाया गया है। तीर्थ पुरोहित और कल्पवासी 10 फरवरी को शिवलिंग के साथ शोभायात्रा निकालेंगे।

गंगा समग्र अपने महाकुंभ शिविर में 7 फरवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता समागम का आयोजन करेगा। इसमें देशभर से आए 5,000 कार्यकर्ता गंगा समेत सभी जल तीर्थों की अविरलता और पवित्रता पर चर्चा करेंगे। एसटीपी से उपचारित पानी को गंगा में न छोड़े जाने की समस्या भी एक बड़ी चिंता होगी।

गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने बुधवार को सेक्टर 9 स्थित शिविर में आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उनके अनुसार, पहले दिन गंगा सेविकाएं भव्य कलश यात्रा निकालेंगी। संगम की पहली बैठक आठ फरवरी को होगी। इसमें केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राज भूषण चौधरी और श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती मुख्य अतिथि होंगे।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर आवारा बंजारा ने स्कूटर पर गुजरात से प्रयागराज तक की यात्रा की।

महाकुंभ की दिव्य सुंदरता से प्रेरित होकर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर आवारा बंजारा ने स्कूटर पर गुजरात से प्रयागराज तक की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई पड़ावों पर यात्रा की। इससे पहले वे नर्मदा परिक्रमा कर चुके थे। उनका दावा है कि चूंकि महाकुंभ का प्रचार वैश्विक स्तर पर हो रहा है, इसलिए उन्होंने कुछ नया करने का फैसला किया और यहां आ गए। स्कूटर पर यह दूरी तय करने में आवारा बंजारा को दस दिन लगे।

महाकुंभ में भजन संध्या में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की महामंडलेश्वर शक्ति पुरी ने जब भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी तो संत और श्रद्धालु भक्ति से भावविभोर हो गए। सुप्रसिद्ध ‘गायिका महामंडलेश्वर’ शक्ति पुरी सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं। उनके भजन यूट्यूब पर लाखों लोग सुनते हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने शक्ति पुरी के भजनों की सराहना की। शक्ति पुरी के भजन हिंदी और हरियाणवी दोनों भाषाओं में लोकप्रिय हो रहे हैं। शक्ति पुरी के अनुसार उनकी साधना का एक पहलू यह भी है |

आम दिनों में संगम में डुबकी लगाने को लेकर खास उत्साह

आम दिनों में संगम में डुबकी लगाने को लेकर खास उत्साह रहता है। बुधवार को शाम आठ बजे तक 67.68 लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। इसमें 10 लाख से ज्यादा कल्पवासी शामिल हैं। इसके उलट मंगलवार तक 38.29 करोड़ श्रद्धालु कम हो चुके थे। बुधवार को संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को मिलाकर अब तक कुल 38.97 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं।

Madhu Mishra

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