Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है । इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा – अर्चना की जाती है । जानिए इस महीने महाशिवरात्रि व्रत कब रखा जाएगा ।
महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है । पूरे देश में इस त्यौहार को बहुत ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है । इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर आयोजित भव्य शिव बारातों में भक्त उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं । महाशिवरात्रि के दिन शिव -गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख और सफलता मिलती है । अविवाहित लड़कियां इस दिन व्रत रखकर और भोलेनाथ की पूजा करके योग्य और मनचाहा जीवनसाथी पाने का वरदान प्राप्त कर सकती हैं । इसी पावन दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह धूमधाम से हुआ था । इस शुभ दिन पर भक्त शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं , रुद्राभिषेक करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं । यह उत्सव स्वर्णिम सुख प्रदान करता है ।
Maha Shivratri 2025: हम महाशिवरात्रि कब मनाएंगे ? 2025 में महाशिवरात्रि की तारीख

महाशिवरात्रि हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है । यह पवित्र आयोजन 26 फरवरी 2025 को होगा । पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे शुरू होगी और 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे समाप्त होगी । इस दिन व्रत , रुद्राभिषेक और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है । महाशिवरात्रि पर, चार रात्रि प्रहर के अनुसार पूजा की जाती है , जिनमें से प्रत्येक की अपनी अलग पूजा शैली होती है ।
2025 का महाशिवरात्री मुहूर्त निशिता काल पूजा
महाशिवरात्री पर निशिता काल पूजा का विशेष महत्व है । यह पूजा 27 फरवरी 2025 को सुबह 12:27 से 1:16 के बीच होगी .
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर प्रथम प्रहर पूजा मुहूर्त , सायंकाल के प्रथम प्रहर में 6:43 से 9:47 तक भक्ति होगी ।
Maha Shivratri 2025: रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा मुहूर्त
महाशिवरात्रि की रात को दूसरे प्रहर की पूजा रात 9:47 बजे से 12:51 बजे तक होगी ( 27 फरवरी 2025 ) । 27 फरवरी 2025 को रात के तीसरे प्रहर की पूजा सुबह 12:51 से 3:55 बजे तक होगी । 27 फरवरी 2025 को रात के चौथे प्रहर की पूजा सुबह 3:55 से 6:59 बजे तक होगी । 27 फरवरी 2025 को सुबह 6:59 से 8:54 बजे तक पारण होगा ।
महाशिवरात्रि के त्यौहार पर पूरे दिन शिव मंदिरों में आयोजित विशेष पूजा सत्रों के दौरान शिव भक्त ‘ ओम नमः शिवाय’ का जाप करते हैं । शिव पुराण का पाठ करने में रात भर जागना शामिल है । ऐसा माना जाता है कि इस दिन ( महाशिवरात्रि व्रत) भगवान शिव की पूजा और उपवास करने से असाधारण फल प्राप्त होते हैं और भक्तों की सभी समस्याएं हल हो जाती हैं ।
इस दिन हज़ारों लोग हरिद्वार, वाराणसी और उज्जैन जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों पर गंगा स्नान करने और भगवान शिव के दर्शन करने के लिए एकत्रित होते हैं । यह उत्सव आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने के अलावा समाज में सद्भाव और एकता को बढ़ावा देता है ।
Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर पूजा विधि और व्रत नियम
महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को साफ -सुथरे कपड़े पहनने चाहिए , व्रत रखना चाहिए और ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए । इस दिन सुबह और शाम माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए । पूजा के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है ।
विवाहित महिलाओं को माता पार्वती को अपने सभी श्रृंगार का सामान अर्पित करना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए बहुत ही शुभ दिन होता है । महाशिवरात्रि के अवसर पर भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है । इसके अलावा पूरे शिव परिवार- भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी महाराज को वस्त्र अर्पित करके उनकी पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है ।
