Navratri Day 4: माँ कुष्मांडा पूजा – रंग, मंत्र, अनुष्ठान, भोग और महत्व

Navratri Day 4

Navratri Day 4: इस शरद नवरात्रि में, पवित्र स्त्री स्वरूपा माँ दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों का सम्मान करें। माँ कुष्मांडा के बारे में जानने योग्य सभी जानकारी प्राप्त करें, जिसमें उनका महत्व, मंत्र, पूजा अनुष्ठान, भोग और चतुर्थी के लिए शुभ रंग शामिल हैं।

भारत में, लोग नवरात्रि के रंग-बिरंगे त्योहार को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं। इस हिंदू उत्सव का उद्देश्य पवित्र स्त्री स्वरूपा माँ दुर्गा का उत्सव मनाना है। भक्त नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान माँ दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा करते हैं। यह त्योहार प्रत्येक दिन देवी के एक अलग स्वरूप का सम्मान करता है। भक्त शरद नवरात्रि के चौथे दिन, चतुर्थी पर माँ कुष्मांडा की पूजा करते हैं। शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन, आइए माँ कुष्मांडा के बारे में और जानें, जिसमें उनका रंग, अर्थ, मंत्र, अनुष्ठान और भोग शामिल हैं।

Navratri Day 4: माँ कूष्मांडा कौन हैं?

Navratri Day 4
Navratri Day 4

शरद नवरात्रि के दौरान भक्त प्रतिदिन माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हैं। इस उत्सव के चौथे दिन का नाम “चतुर्थी” है। चतुर्थी के दौरान भक्त माँ कूष्मांडा की पूजा करते हैं। कु (छोटा), ऊष्मा (ऊर्जावान) और अंड (अंडा) शब्द उनके “कूष्मांडा” नाम के स्त्रोत हैं। आठ भुजाओं वाली देवी एक भयंकर सिंह पर सवार हैं। उनके दाहिने हाथ में धनुष-बाण, कमंडल और कमल है। देवी अपने बाएँ हाथ में चक्र, गदा, जप माला और अमृत कलश धारण किए हुए हैं।

“अनाहत” चक्र, जिसे हृदय चक्र भी कहा जाता है, माँ कूष्मांडा द्वारा शासित है। जो लोग चिंता, निराशा, भय या पिछले पछतावे से जूझ रहे हैं, वे शरद नवरात्रि 2025 की इस चतुर्थी पर देवी की पूजा कर सकते हैं। इस दिन, भक्त पूजा अनुष्ठान करके दिव्य स्त्रीत्व का उत्सव मना सकते हैं।

Navratri Day 4 कौन सा रंग पहनें?

रंग प्रेमियों को नवरात्रि के चौथे शुभ दिन चतुर्थी पर पीला रंग पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। आज देवी कुष्मांडा के दर्शन करते समय इस चमकीले, सुखदायक रंग को धारण करें।

Navratri 2025 Day 4 मंत्र: शक्तिशाली मंत्र

शरद Navratri Day 4, माँ दुर्गा से समृद्धि, स्वास्थ्य और आंतरिक शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

  • प्रार्थना: सुरसम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे॥
  • पूजा मंत्र: ॐ देवी कुष्माण्डायै नमः॥

12 / 5,000

यह भी पढ़ेंNavratri 2025 Day 3: माँ चंद्रघंटा पूजा मुहूर्त, मंत्र, आरती और शुभ रंग

नवरात्रि 2025 के चौथे दिन पूजा अनुष्ठान: माँ कुष्मांडा की पूजा कैसे करें

शरद Navratri Day 4, ये पूजा विधियाँ करें।

  • दिन की शुरुआत अपने वस्त्र और शरीर को स्वच्छ रखकर करें।
  • देवी को घी का दीपक जलाएँ।
  • माला, फूल और सिंदूर अर्पित करें।
  • फलों के साथ-साथ मसाले और पान जैसी अन्य पारंपरिक वस्तुएँ भी प्रदर्शित करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
  • माँ कुष्मांडा के मंत्रों का जाप करें।
  • प्रसाद चढ़ाएँ और आरती करें।
  • आरती के बाद, यदि आप व्रत पर हैं तो सात्विक भोजन करके व्रत तोड़ें।

नवरात्रि 2025 दिन 4 भोग: माँ कुष्मांडा का पसंदीदा भोग

  • भक्त Navratri Day 4 देवी को मालपुआ, दही या खीर का भोग लगा सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त, आप माँ कुष्मांडा को साड़ी, चूड़ियाँ, चुन्नी और पीले फूल भी भेंट कर सकते हैं।

नवरात्रि 2025 दिन 4 अर्थ: महत्व, मान्यताएँ

शरद नवरात्रि के चौथे दिन, जिसे चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, भक्त उत्सव मनाते हैं। इस शुभ दिन माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। वह माँ दुर्गा का प्रतिनिधित्व करती हैं। अष्टभुजा देवी एक और नाम है जिसका उपयोग कई भक्त देवी को संबोधित करने के लिए करते हैं।

परंपरा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने ब्रह्मांड की रचना की, तो देवी ने ब्रह्मांड की हर चीज़ को प्रकाशित करने का दायित्व संभाला। उसके बाद, माँ कूष्मांडा को प्रकाश और जीवन शक्ति के परम स्रोत के रूप में प्रसिद्धि मिली।

इस शरद नवरात्रि में, माँ दुर्गा की स्तुति और उत्सव में डूब जाएँ। नवरात्रि के चौथे दिन, माँ कूष्मांडा की पूजा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें!

नवरात्रि 2025 दिन 4 पूजा का समय: शुभ मुहूर्त

इस वर्ष, नवरात्रि के चौथे दिन, पूजा करने के लिए निम्नलिखित मुहूर्त का उपयोग किया जाएगा:

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:33 AM से 05:21 AM तक
  • अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:12 बजे से 03:00 बजे तक

नवरात्रि विशेष माँ कुष्मांडा आरती

कुष्मांडा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी।
पिंगला ज्वालामुखी निराली। शाकम्बरी माँ भोली भाली।।


लाखों नाम निराले तेरे. भक्त कै मतवाले तेरे।
भीम पर्वत पर है डेरा. स्विकारो प्रणाम ये मेरा।।


सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुंचति हो माँ अम्बे।
तेरे दर्शन का मैं प्यासा. पूर्ण कर दो मेरी आशा।।


माँ के मन में ममता भारी, क्यों न, सुनेगी अरज हमारी।
तेरे दर पर किया है डेरा दूर करो माँ संकट मेरा।।


मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो।
तेरा दास तुझे ही ध्यान। भक्त तेरे दर शीश झुकाये।।

Manoj Kumar

मनोज कुमार एक समर्पित और जिम्मेदार पत्रकार हैं, जिनके पास चार वर्षों का व्यावसायिक अनुभव है। उन्होंने राजनीति, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर गहन रिपोर्टिंग की है। उनकी खासियत है निष्पक्ष दृष्टिकोण, सटीक तथ्यों की प्रस्तुति और सरल लेखन शैली। अपने पत्रकारिता करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण खबरों को समय पर कवर किया और समाज की वास्तविक समस्याओं को उजागर किया। मनोज हमेशा जमीनी स्तर की रिपोर्टिंग को प्राथमिकता देते हैं और आमजन की आवाज़ को मीडिया के माध्यम से सामने लाने का प्रयास करते हैं। चार वर्षों के अनुभव ने उन्हें न सिर्फ एक प्रखर पत्रकार बनाया है, बल्कि एक ऐसे मीडिया प्रोफेशनल के रूप में स्थापित किया है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पत्रकारिता को साधन मानते हैं।

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *