Rajasthan SI paper leak case : कोर्ट ने राजस्थान सरकार को लगाई तगड़ी फटकार, जाने क्या है पूरा मामला

Rajasthan SI paper leak case

Rajasthan SI paper leak case : राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई पेपर लीक मामले की मंगलवार को सुनवाई के दौरान सरकार की कड़ी आलोचना की। इस मामले की सुनवाई राजस्थान हाईकोर्ट बुधवार को भी करेगा।

क्या RPSC के पास कोई अधिकार है? RPSC परीक्षा में कुछ भी हो सकता है। किसी भी तरह की चोरी संभव है…और भी बहुत कुछ। राजस्थान हाईकोर्ट के जज समीर जैन ने मंगलवार को उक्त बातें कहीं। मंगलवार को समीर जैन की कोर्ट में SI पेपर लीक मामले की सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई।

कोर्ट ने सरकार की ओर से दलीलें रख रहे एडिशनल एडवोकेट जनरल विज्ञान शाह से पूछा, “क्या मैं लिख दूं कि आपके पास रिकॉर्ड नहीं है?”

Rajasthan SI paper leak case : राजस्थान की बहुचर्चित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक से जुड़े मामले

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इस मामले की सुनवाई अब बुधवार को दोपहर 3 बजे फिर से शुरू होगी।

मामले को देख रहे एसओजी एडीजी वीके सिंह और आरपीएससी चेयरमैन (कार्यवाहक) कैलाश चंद्र मीना दोनों को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हैं। दरअसल, राजस्थान की बहुचर्चित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक से जुड़े मामले की सोमवार से राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है।

जस्टिस समीर जैन की कोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान आरपीएससी चेयरमैन कैलाश चंद्र मीना (कार्यवाहक) और एसओजी एडीजी वीके सिंह वर्चुअली जुड़े रहे।

सुनवाई के दौरान जस्टिस समीर जैन ने आरपीएससी की भूमिका पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसओजी एडीजी वीके से पूछा कि पेपर लीक मामले में आरपीएससी के दो सदस्यों की संलिप्तता के बावजूद आरपीएससी ने औपचारिक शिकायत क्यों दर्ज नहीं की।

Rajasthan SI paper leak case : कई गैंग ने अपने-अपने माध्यम से लीक कराए पेपर

एसओजी एडीजी वीके सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा, “सभी गिरोहों ने अपने-अपने माध्यम से पेपर लीक करके अभ्यर्थियों को दिया।” इसी वजह से वे पेपर पास करने में सफल रहे। पेपर जगदीश विश्नोई गिरोह ने लीक किया था। अभ्यर्थियों को साइट हैंडलर की मदद से पूरे राज्य में अलग-अलग जगहों पर पेपर की जानकारी दी गई थी। इनमें से एक साइट हैंडलर ने वॉट्सऐप के जरिए पेपर भेजा था।

Rajasthan SI paper leak case : कोर्ट ने पूछा- RPSC ने कोई एफआईआर क्यों नहीं करवाई

राजस्थान लोक सेवा आयोग से कोर्ट ने पूछा कि क्या उसने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। वीके सिंह ने कहा, “नहीं।” इस पर कोर्ट ने एक बार फिर आरपीएससी चेयरमैन से पूछा कि जब उनके दो सदस्य शामिल थे और पूरी जिम्मेदारी उनकी थी, तब उन्होंने औपचारिक शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई। कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने पूछा कि जब आपके सदस्य शामिल थे, तब आपने औपचारिक शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई। आपके सदस्यों के बीच आपराधिक गतिविधियां चल रही हैं। आपको औपचारिक शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी।

वीके सिंह के अनुसार, पुरुषोत्तम दाधीच के पास भी पहले से पेपर था।

कोर्ट ने पूछा कि उसने दस्तावेज कैसे प्राप्त किए। इस पर वीके सिंह ने बताया कि वह रामू राम रायका गांव का रहने वाला है, हालांकि अभी उसका पता नहीं है। वह उसके पास ही रहता है। अभ्यर्थियों को हरियाणा गैंग ने भी पेपर दिए थे। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप यह बताना चाहेंगे कि आरपीएससी के सदस्य भी इसमें शामिल थे और विभिन्न गैंग ने पेपर को विभिन्न स्थानों पर पहुंचाया। उनकी भी इसमें रुचि थी। वीके सिंह ने जवाब दिया, हां। वीके सिंह के अनुसार, इस दौरान वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा भी हुई थी। इसमें भी पेपर लीक हुआ था।

Rajasthan SI paper leak case : यह संस्था (RPSC) मर चुकी है क्याः हाईकोर्ट

आरपीएससी के चेयरमैन से कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्होंने इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। चेयरमैन ने कहा, “नहीं।” कोर्ट ने पूछा, “क्या यह संस्था खत्म हो गई है?” कोर्ट ने पूछा कि क्या आरपीएससी के चेयरमैन संजय क्षत्रिय पर आरोप लगाए गए हैं। इस पर वीके सिंह ने कहा कि नहीं। कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्होंने उसे क्लीन चिट दी है।

अभी की चोरी के बारे में 3-4 साल बाद पता चलेगाः कोर्ट

कोर्ट ने कहा, “आपकी जांच के आधार पर ऐसा लगता है कि आरपीएससी परीक्षा में कुछ भी हो सकता है।

” चोरी किसी भी रूप में हो सकती है। वीके सिंह के अनुसार, पहले भी ऐसा होता था। कोर्ट ने कहा, “मुझे वर्तमान के बारे में नहीं पता।” बाद में हमें भी यह पता चल जाएगा। कोर्ट ने कहा कि मामले का वर्तमान विवरण तीन से चार साल में पता चलेगा।

आरपीएससी सदस्यों की नियुक्ति के समय उनका बैकग्राउंड चेक होता है क्या’

कोर्ट के अनुसार, क्या सरकार आरपीएससी सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही उनके कर्तव्यों का निर्धारण भी करती है? क्या उनकी पृष्ठभूमि की जांच की गई है? इस मामले में 800 से अधिक लोग शामिल हैं। अब इसके कई आयाम हैं। वीके सिंह से कोर्ट ने पूछा,

“आपने कैसे संस्तुति की?” क्या किसी ने आपसे ऐसा कहा? इस पर वीके सिंह ने कहा कि नहीं। मैंने अपनी तरफ से यह जानकारी दे दी है।

इतने बड़े पैमाने पर पेपर लीक हुआ, इसे कैसे तय किया जाएगाः कोर्ट

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कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह से पूछा कि इसमें बुनियादी गलती होने पर क्या आरपीएससी को इसमें गलती पाए जाने पर इसे रद्द करने का अधिकार है? विज्ञान शाह के अनुसार आरपीएससी इस संबंध में सिफारिशें कर सकता है, लेकिन ऐसा करने के लिए फर्जी आवेदकों को असली आवेदकों से अलग करना होगा। कोर्ट ने पूछा कि पेपर लीक होने की व्यापकता को देखते हुए मामले का फैसला कैसे होगा।

बुधवार को लगातार तीसरे दिन होगी सुनवाई

विज्ञान शाह के अनुसार, यही कारण है कि हम इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है, कोर्ट ने कहा। चूंकि एसआईटी का दावा है कि पेपर व्यापक रूप से लीक हुआ था, तो आप क्या सोचते हैं? क्या आपको एसआईटी पर भरोसा नहीं है? कोर्ट खुश नहीं था। कोर्ट के अनुसार, हमने सभी दस्तावेज मांगे थे। आपने क्या दिया? विज्ञान शाह ने कहा कि वह फैसले की कठोरता के जवाब में कल सभी दस्तावेज कोर्ट में लेकर आएंगे। इस मामले की सुनवाई अब लगातार तीसरे दिन बुधवार को होगी।

Madhu Mishra

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