High court on Prayagraj bulldozer action: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (1 अप्रैल, 2025) को उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की खिंचाई की और
शहर में घरों को ध्वस्त करने को “अमानवीय और अवैध” बताया।
High court on Prayagraj bulldozer action: न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई ‘दमनकारी’ तरीके से की गई है और ‘देश में कानून का शासन’ है तथा नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा, “इससे हमारी अंतरात्मा को झटका लगा है। आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया नाम की भी कोई चीज होती है।”
High court on Prayagraj bulldozer action: उत्तर प्रदेश सरकार और विकास प्राधिकरण की खिंचाई की
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (1 अप्रैल, 2025) को उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की खिंचाई की और शहर में घरों को ध्वस्त करने को “अमानवीय और अवैध” बताया।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई ‘दमनकारी’ तरीके से की गई है और ‘देश में कानून का शासन’ है तथा नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
पीठ ने कहा, “इससे हमारी अंतरात्मा को झटका लगा है। आश्रय का अधिकार और कानून की उचित प्रक्रिया नाम की भी कोई चीज होती है।”
इसलिए शीर्ष अदालत ने प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह छह सप्ताह के भीतर प्रत्येक मकान मालिक को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे।
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शीर्ष अदालत ने इससे पहले प्रयागराज में बिना उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि इससे “चौंकाने वाला और गलत संकेत” गया है।
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याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि राज्य सरकार ने गलत तरीके से घरों को ध्वस्त कर दिया, यह सोचकर कि जमीन गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद की है, जो 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था ।
सर्वोच्च न्यायालय अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिनके घर ध्वस्त कर दिए गए थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ध्वस्तीकरण को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को कथित तौर पर प्रयागराज जिले के लूकरगंज में कुछ निर्माणों के संबंध में 6 मार्च, 2021 को नोटिस दिया गया था।