Anna Hazare on Kejriwal’s failure:सामाजिक कार्यकर्ता Anna Hazare ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों पर बोलते हुए अरविंद केजरीवाल और उनके नेतृत्व की तीखी आलोचना की है।उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने राजनीति में आने के बाद अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किया है।हजारे ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी अब वैसी नहीं रही जैसी उसकी स्थापना के समय थी।
उन्होंने भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दों पर केजरीवाल सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए।इसके साथ ही, उन्होंने जनता से अपील की कि वे राजनीति में नैतिकता और ईमानदारी को प्राथमिकता दें।
Anna Hazare on Arvind Kejriwal’s Failure: दिल्ली चुनाव में ‘आप’ की हार पर कड़ी प्रतिक्रिया
Anna Hazare on Arvind Kejriwal’s Failure:सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बोलते हुए अरविंद केजरीवाल और उनके नेतृत्व की तीखी आलोचना की है। आम आदमी पार्टी (आप) के भाजपा से बहुत पीछे रहने के बाद, हजारे ने इस बात पर विचार किया कि उनका मानना है कि आप की किस्मत में failure का कारण क्या था।उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने सत्ता में आने के बाद अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किया, जिससे जनता का भरोसा कमजोर हुआ।
हजारे के मुताबिक, राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता की कमी ‘आप’ की हार का एक प्रमुख कारण रही।
उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल अब उन मूल्यों से भटक चुके हैं जिनके आधार पर उन्होंने आंदोलन शुरू किया था।
हजारे ने सुझाव दिया कि अगर ‘आप’ को फिर से जनता का समर्थन चाहिए, तो उसे आत्ममंथन कर अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा।इसके अलावा, उन्होंने राजनीति में ईमानदारी और सेवा भाव की अहमियत पर जोर दिया।

Anna Hazare ने Kejriwal की failure पर बयान
एक बयान में हजारे ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि चुनाव के दौरान उम्मीदवार का आचरण, विचार और जीवन शुद्ध, दोषरहित और त्याग से भरा होना चाहिए। ये गुण मतदाताओं को उस पर भरोसा करने में मदद करते हैं।”हजारे के अनुसार, उन्होंने केजरीवाल को राजनीति में इन मूल्यों को बनाए रखने के बारे में बहुत पहले ही चेतावनी दी थी, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने उनकी बात नहीं सुनी।
दिल्ली शराब नीति से जुड़े विवादों का जिक्र करते हुए हजारे ने कहा , “मैंने यह बात अरविंद केजरीवाल को बताई थी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार उन्होंने शराब पर ध्यान केंद्रित किया… यह मुद्दा क्यों उठा? वे पैसे की ताकत से अभिभूत हो गए।”
आप के लिए परिणाम
यह टिप्पणी केजरीवाल के लिए एक झटका है , जिनकी पार्टी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में संघर्ष कर रही है। शुरुआती नतीजों में भाजपा को 41 सीटें मिलती दिख रही हैं , जबकि आप 29 सीटों पर काफी पीछे है । हजारे की टिप्पणी आप के नेतृत्व और उन फैसलों के बारे में बढ़ती चिंताओं को उजागर करती है, जो मतदाताओं को अलग-थलग कर सकते हैं।
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केजरीवाल का राजनीतिक सफर और Anna Hazare की भूमिका
अरविंद केजरीवाल 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान प्रमुखता से उभरे , जिसका नेतृत्व अन्ना हजारे ने किया था। शुरुआत में उन्हें हजारे का करीबी सहयोगी माना जाता था, लेकिन बाद में 2012 में केजरीवाल ने अलग होकर आम आदमी पार्टी बना ली । तब से, दोनों के बीच मतभेद स्पष्ट हो गए हैं, जिसमें हजारे ने केजरीवाल के राजनीतिक विकल्पों पर बार-बार निराशा व्यक्त की है।
चूंकि परिणाम आप के लिए एक महत्वपूर्ण झटका दर्शाते हैं, हजारे का बयान भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के साथ जुड़े उच्च मानकों की याद दिलाता है और यह भी कि तब से चीजें कितनी बदल गई हैं।