Bihar Bhumi Survey: नीतीश सरकार के एक बड़े फैसले के तहत अब विशेष भूमि सर्वेक्षण में सिर्फ विवादित भूमि का ही आकलन किया जाएगा

Bihar Bhumi Survey

Bihar Bhumi Survey: बिहार में विशेष भूमि सर्वेक्षण के तहत अब सिर्फ विवादित जमीन की ही मापी जाएगी । इसके लिए सबसे आधुनिक ईटीएस (इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा । भविष्य में होने वाले विवादों की समस्या का समाधान हो जाएगा , क्योंकि इस मशीन से जमीन की मापी में सटीकता और सटीकता की गारंटी मिलेगी । इस महीने के अंत तक कई मशीनें आ जाएंगी

Bihar Bhumi Survey: स्व – घोषणा पत्र प्राप्त हो रहे हैं

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जिले के अनोखे भूमि सर्वेक्षण, जिसे बिहार भूमि सर्वेक्षण के नाम से जाना जाता है, में स्व – घोषणा पत्र प्राप्त हो रहे हैं । इसके बाद , अंचल अमीन संपत्ति का दौरा करेंगे और सीमांकन कार्य करेंगे , जिससे किस्त प्रक्रिया शुरू होगी । इसके अलावा केवल विवादित भूमि की ही मापी की जाएगी ।

इस कार्य के लिए ईटीएस (इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) मशीन का उपयोग किया जाएगा । पहली बार , इस प्रणाली का उपयोग विशेष भूमि सर्वेक्षणों में विवादों को हल करने के लिए किया जा रहा है ।

उनके अनुसार , एजेंसी के पास तकनीकी विशेषज्ञ और कर्मचारी भी होंगे , ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूमि माप (बिहार भूमि मापी) में कोई समस्या न हो । इसमें उन क्षेत्रों के क्षेत्रीय अमीन की मदद ली जाएगी , जहां मापी का काम किया जाएगा ।

माप पहले करने के लिए 20 लिंक छोड़ दिए गए

बंदोबस्त अधिकारी के अनुसार , पिछले दिनों मापी का काम पूरा करने के लिए गांव की परिधि से 20 कड़ियाँ हटानी पड़ी थीं । लेकिन , ईटीएस मशीन का इस्तेमाल करने पर ऐसा नहीं होगा , इसलिए माप की सटीकता और परिशुद्धता अधिक होगी । इससे भविष्य में विवाद की समस्या पर रोक लगेगी ।​

उनके अनुसार , यह नक्शा हवाई सर्वेक्षण के बाद बनाया गया है। यह मशीन ही इसका सत्यापन करेगी । इसमें किए गए किसी भी सुधार के साथ इसे प्रिंट किया जाएगा । इसके अलावा , बनाए गए किसी भी प्लॉट की जीपीएस स्थिति रिकॉर्ड की जाएगी और उसे ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा । इसके माध्यम से कोई भी रैयत अपने प्लॉट की सटीक स्थिति कभी भी देख सकेगा । विभाग की वेबसाइट पर सारी जानकारी उपलब्ध होगी ।

कि जिले के 1719 राजस्व गांवों में सर्वेक्षण कार्य चल रहा है । आमसभा के आयोजन और वंशावली प्राप्त करने के बाद स्वघोषणा पत्र लिया जा रहा है । इसे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से संचालित करने का विकल्प है ।

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Bihar Bhumi Survey: ईटीएस मशीन: यह क्या यह है ?

माप प्रक्रिया के भाग के रूप में अमीन इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ETS) मशीन को संपत्ति के किनारे पर और प्रिज्म को मापे जाने वाले क्षेत्र के किनारे पर रखता है । बटन दबाने पर मशीन से किरणें निकलेंगी और प्रिज्म के बीच की दूरी नोट की जाएगी। इसके अतिरिक्त , माप के लिए GPS का उपयोग किया जाएगा ।

Bihar Bhumi Survey : भूमि सर्वेक्षण के दौरान इस ऑनलाइन प्रयास को रोकने का क्या कारण था ?

भूमि सर्वेक्षण के संबंध में , किसान ऑनलाइन स्वघोषणा नहीं कर रहे हैं । इसके लिए हमें बारह दिन और इंतजार करना होगा । राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार, तकनीकी समस्या के कारण स्वघोषणा और वंशावली प्रपत्र ऑनलाइन प्राप्त नहीं हो रहे हैं । 22 फरवरी को यह सेवा फिर से शुरू हो जाएगी ।

किरायेदारों को परेशानी हो रही है और इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है

आम जनता को स्वघोषणा पत्र जमा करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए एक नई सलाह जारी की गई है । रैयतों को निर्देश दिया गया है कि वे अंचल के कैंप कार्यालय में जाकर अपना स्वघोषणा पत्र या अपनी जमीन का ब्यौरा जमा करें । सर्वर में बदलाव के कारण अब इंटरनेट चैनलों के माध्यम से स्वघोषणा पत्र अपलोड करना प्रतिबंधित है। सर्वेक्षण निदेशालय ने सलाह दी है कि तकनीकी समस्याओं के कारण ऑनलाइन स्वघोषणा पत्र और वंशावली फॉर्म स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं । 22 फरवरी को यह सेवा फिर से शुरू हो जाएगी। फिलहाल अंचल स्तर पर विशेष सर्वेक्षण शिविरों में रैयत अपनी वंशावली और स्वघोषणा पत्र जमा कर सकते हैं ।

अब हर डिवीजन का अपना सर्वर होगा

सर्वेक्षण निदेशालय द्वारा बिहार के नौ प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर उपलब्ध कराए जा रहे हैं । तीन प्रमंडलों- भागलपुर, पूर्णिया और मुंगेर के सर्वर फिलहाल विभाजित हैं। विभिन्न प्रमंडलों के लिए सर्वरों को विभाजित करने का काम पूरा होने के बाद जल्द ही सभी सर्वर काम करना शुरू कर देंगे ।

Bihar Bhumi Survey: स्व – घोषणा मार्च माह तक भेज दी जाएगी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अनुसार , बिहार में 25 मार्च तक स्वघोषणा पत्र जमा करने का प्रावधान है । साथ ही, लोग इस काम में बढ़-चढ़कर सहयोग कर रहे हैं । अब तक 78 लाख किसान स्वघोषणा पत्र जमा कर चुके हैं । सर्वेक्षण निदेशालय को उम्मीद है कि सर्वर माइग्रेशन की समस्या ठीक होते ही यह काम तेजी से आगे बढ़ेगा । राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में किस्त जमा करने का निर्णय लिया है । निदेशालय इसके मद्देनजर जरूरी तैयारियां कर रहा है ।

बैठक की अध्यक्षता भू अभिलेख एवं सर्वेक्षण निदेशक श्री कमलेश कुमार सिंह ने की तथा सभी एरियल एजेंसियों से जिलों में आपूर्ति की गई ईटीएस उपकरणों के बारे में जानकारी मांगी । एरियल एजेंसी के अनुसार , मशीनें पहले चरण के 89 अंचलों के जिलों से खरीदी जाएंगी , जहां भूमि सर्वेक्षण किया जा रहा है। निदेशक ने इस पर असंतोष व्यक्त किया तथा तीनों एरियल एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे शीघ्र ही अंचल – विशिष्ट ईटीएस उपकरणों की व्यवस्था करें । बिहार में भूमि सर्वेक्षण हाइब्रिड पद्धति से किया जाता है । इसमें तीन एरियल फर्मों को मुख्य रूप से गांव का नक्शा बनाने का काम सौंपा गया है ।

इन संगठनों ने विमान से ली गई तस्वीरों का उपयोग करके गांव का नक्शा बनाया । हम इसे एसएस मैप कहते हैं । एजेंसी और सर्वेक्षण कर्मचारी इस ऑर्थो मैप का उपयोग करके चरणबद्ध तरीके से गांव की तीन सीमाओं और सीमाओं की मरम्मत के लिए मिलकर काम करते हैं ।

Akanshu Bisht

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